वास्ते हज़रत मुराद-ए- नेक नाम       इशक़ अपना दे मुझे रब्बुल इनाम      अपनी उलफ़त से अता कर सोज़ -ओ- साज़    अपने इरफ़ां के सिखा राज़ -ओ- नयाज़    फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हर घड़ी दरकार है फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हो तो बेड़ा पार है

 

 

हज़रत  मुहम्मद मुराद अली ख़ां रहमता अल्लाह अलैहि 

 

  

हज़रत क़ाज़ी सय्यद अजमल शाह भड़ाइची

रहमतुह अल्लाह अलैहि

 

हज़रत क़ाज़ी सय्यद अबदुलमालिक उल-मारूफ़ सय्यद अजमल शाह भड़ाइची रहमतुह अल्लाह अलैहि कई सिलसिलों से वाबस्ता थे। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि सिलसिला चिश्तिया जहानिया-ओ-क़ादरिया-ओ-सुहरवर्दिया में हज़रत सय्यद जलाल उद्दीन बुख़ारी उल-मारूफ़ बह मख़दूम जहानियां जहां गशत रहमतुह अल्लाह अलैहि के मुरीद और ख़लीफ़ा थे। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ने हज़रत क़ाज़ी शेख़ क़वाम उद्दीन देहलवी रहमतुह अल्लाह अलैहि से भी ख़िरक़ा ख़िलाफ़त पाया। हज़रत क़ाज़ी शेख़ क़वाम उद्दीन देहलवी को हज़रत उद्दीन चिराग़ दिल्ली रहमतुह अल्लाह अलैहि का मुरीद और ख़लीफ़ा होने का शरफ़ हासिल था।

आप को बेशुमार सलासिल से निसबत हासिल थी।सिलसिला निज़ामीया में आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ख़लीफ़ा थे हज़रत मख़दूम जहानियां जहां गशत रहमतुह अल्लाह अलैहि के और वो ख़लीफ़ा थे हज़रत नसीरउद्दीन चिराग़ दिल्ली रहमतुह अल्लाह अलैहि के। सिलसिला कबीरिया में आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ख़लीफ़ा थे हज़रत मख़दूम जहानियां जहां गशत रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे शेख़ शमस उद्दीन अब्बू मुहम्मद रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे शेख़ क़ता बाइ लिखा लदी रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे शेख़ अहमद रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे बाबा बामजनद रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे शेख़ नजम उद्दीन कबीर रहमतुह अल्लाह अलैहि के। सिलसिला सुहरवर्दिया में आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ख़लीफ़ा थे मह्दूम जहानियां जहां गशत रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे हज़रत-ए-शैख़ रुकन उद्दीन मुल्तानी रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे शेख़ सदर उद्दीन मुल्तानी रहमतुह अल्लाह अलैहि के और वो ख़लीफ़ा थे हज़रत बहा-उद-दीन ज़करीया मुल्तानी रहमतुह अल्लाह अलैहि के।सिलसिला मदार ये में आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ख़लीफ़ा थे हज़रत बदई उद्दीन शाह मदार रहमतुह अल्लाह अलैहि के। सिलसिला क़ादरिया में आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ख़लीफ़ा थे सय्यद मख़दूम जहानियां जहां गशत रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे शेख़ मुहम्मद ईसा रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे शेख़ अबवालमकारम फ़ाज़िल रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे क़ुतुब उद्दीन रहमतुह अल्लाह अलैहि वो ख़लीफ़ा थे शमस उद्दीन सानी रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे शमस उद्दीन अली हद्दाद रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे सय्यद अबदुलक़ादिर जीलानी रहमतुह अल्लाह अलैहि के। इसी तरह सिलसिला नक़्शबंदिया में आप रहमतुह अल्लाह अलैहि ख़लीफ़ा थे शाह अबदुलहक़ रहमतुह अल्लाह अलैहि के वो ख़लीफ़ा थे ख़्वाजा याक़ूब चर्ख़ी रहमतुह अल्लाह अलैहि के और वो ख़लीफ़ा थे ख़्वाजा बहा-उद-दीन नक़्शबंदी रहमतुह अल्लाह अलैहि के।

हज़रत क़ाज़ी सय्यद अबदुलमालिक उल-मारूफ़ बह शाह अजमल रहमतुह अल्लाह अलैहि २५रमज़ान ८६४ हिज्री को इस दार फ़ानी से रुख़स्त हुए। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि का मज़ार बहराइच इंडिया में मौलवी शाह नईम अल्लाह रहमतुह अल्लाह अलैहि के मज़ार के क़रीब वाक़्य है।

नोट:। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि के हालात-ए-ज़िंदगी बावजूद कोशिश के कहीं से नहीं मिल सके।क़दीम कुतुब में जो कुछ मिला मैंने लिख दिया। अगर किसी साहिब के पास हूँ तो "राबिता करें" को क्लिक करके हमारे साथ राबिता क़ायम करें और इस कार-ए-ख़ैर में हिस्सादार बने। या नीचे दिए गए ई मेल ऐडरैस पर राबिता करें।

इसरार-उल-हक़

Israr Ul Haq

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